क्या आपने कभी "जैक ऑफ ऑल ट्रेड्स, मास्टर ऑफ नन" फ्रेज सुना है? जब निवेश की बात आती है, तो "जैक ऑफ ऑल ट्रेड्स" होने का मतलब आसानी से मल्टी-कैप फंड के रूप में समझा जा सकता है. मल्टीकैप फंड वर्सेटाइल म्यूचुअल फंड हैं, जो आपको अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने में मदद कर सकते हैं और आपकी वित्तीय सफलता में योगदान दे सकते हैं. हालांकि, अपनी गाढ़ी कमाई को निवेश करने से पहले, मल्टी-कैप फंड क्या है, इसके प्रकार क्या हैं, और यह कोई लाभ प्रदान करता है या नहीं, जैसे सवालों के जवाब जान लेना जरूरी है. ये सब जानने के लिए आगे पढ़ते रहें.
एक मल्टी-कैप म्यूचुअल फंड एक प्रकार का इक्विटी म्यूचुअल फंड है, जो लार्ज, मिड और स्मॉल-कैप कंपनियों समेत अलग-अलग बाजार पूंजीकरण वाले शेयरों के विविध पोर्टफोलियो में निवेश करता है. बाजार पूंजीकरण से किसी कंपनी के आकार और उसके मूल्य का पता चलता है. कंपनी के आउटस्टैंडिंग शेयरों के कुल बाजार मूल्य के आधार पर इसे आम तौर पर तीन मुख्य समूहों - लार्ज-कैप, मिड-कैप और स्मॉल-कैप में बांटा जाता है. लार्ज-कैप कंपनियों का मार्केट कैप सबसे ज्यादा होता है, इसके बाद मिड-कैप और स्मॉल-कैप कंपनियों का नंबर आता है.
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के दिशानिर्देशों के अनुसार, मल्टी-कैप म्यूचुअल फंड अपनी कुल संपत्ति का कम से कम 65% इक्विटी और इक्विटी से संबंधित इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं. हालांकि, मल्टी-कैप फंड लचीले होते हैं और बाजार की स्थितियों के आधार पर लार्ज, मिड और स्मॉल-कैप शेयरों के बीच अपने एसेट्स के अनुपात को बदल सकते हैं.
मल्टी-कैप फंड्स को भी कई प्रकारों में बांटा गया है. आइए उनके बारे में और जानें.
मल्टी-कैप म्यूचुअल फंड को नीचे दिए गए प्रकारों में बांटा जा सकता है:
एक समझदारी भरा फैसला लेने के लिए किसी खास प्रकार के म्यूचुअल फंड में निवेश करने से जुड़े जोखिम को समझना आवश्यक है. मल्टी-कैप म्यूचुअल फंड में निवेश के कुछ जोखिम यहां दिए गए हैं:
जोखिमों को जानने के साथ-साथ आपको यह भी पता होना चाहिए कि इन फंड्स पर टैक्स कैसे लगता है.
मल्टी-कैप फंड्स पर इक्विटी फंड्स की तरह टैक्स लगता है. उनके ऊपर पूंजीगत लाभ के हिसाब से टैक्स लगता है. एक साल से कम समय के लिए रखे गए फंड से हुई कमाई पर 15% टैक्स लगाया जाता है, और एक साल से ज्यादा समय तक रखे गए फंड से हुई कमाई के मामले में 1 लाख रुपये से अधिक के लाभ पर 10% टैक्स लगाया जाता है. इसका मतलब है कि हर साल 1 लाख रुपये तक का लाभ छूट प्राप्त है. टैक्स की गणना 1 लाख रुपये से ज्यादा की रकम के हिसाब से की जाती है.
निष्कर्ष
एक मल्टी-कैप फंड का उद्देश्य आपको अलग-अलग आकार की कंपनियों का एक्सपोजर देना होता है, जिससे आपके पोर्टफोलियो में विविधता आती है और जोखिम कम होने की संभावना रहती है. मल्टी-कैप फंड में निवेश से लाभ पाने के लिए फंड चुनने से पहले फंड मैनेजर के अनुभव को देख लें और इस बात की परख कर लें कि पोर्टफोलियो को किस तरह से डायवर्स किया गया है.
निवेशकों को जागरूक करने के लिए एडलवाइज म्यूचुअल फंड की पहल.
सभी म्यूचुअल फंड निवेशकों को एक बार केवाईसी प्रोसेस को पूरा करना होता है. निवेशकों को केवल रजिस्टर्ड म्यूचुअल फंड (आरएमएफ) के साथ डील करनी चाहिए. केवाईसी, आरएमएफ से जुड़ी अधिक जानकारी और किसी भी तरह की शिकायत दर्ज कराने का प्रोसेस जानने के लिए विजिट करें: https://www.edelweissmf.com/kyc-norms
म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. कृपया निवेश से पहले सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें.
MUTUAL FUND INVESTMENTS ARE SUBJECT TO MARKET RISKS, READ ALL SCHEME RELATED DOCUMENTS CAREFULLY.