हाइब्रिड फंड क्या हैं?

हाइब्रिड फंड क्या हैं – इसके प्रकार, फायदे, और इनका इस्तेमाल

447
    


जिस प्रकार पूरी दुनिया को केवल ब्लैक और व्हाइट में नहीं देखा जा सकता है, ठीक उसी तरह म्यूचुअल फंड केवल इक्विटी या डेट से जुड़े नहीं होते हैं. दुनिया में कुछ चीजों का रंग ग्रे भी होता है. इसी तरह म्यूचुअल फंड्स में आपको कुछ हाइब्रिड विकल्प मिल जाते हैं. इनमें इक्विटी और डेट दोनों शामिल होते हैं. इसके अलावा सोना, रियल एस्टेट इत्यादि के कॉम्बिनेशन वाले फंड भी होते हैं. ये हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स जिस तरह से यूनिक सुनने में लगता है, ऐसे ही ये फंड अनूठे होते हैं और इस तरह के फंड में निवेश से आपको हर तरह के फंड के सबसे अच्छे बेनिफिट्स का फायदा मिल सकता है. 

क्या आप जानना चाहते हैं कि हाइब्रिड फंड क्या है? तो यहां पढ़िए!

हाइब्रिड फंड क्या हैं?

हाइब्रिड फंड्स के जरिए आप एकसाथ कई तरह के बेनिफिट्स का लाभ उठा सकता हैं. इसमें दो या उससे ज्यादा एसेट क्लास शामिल होते हैं- जैसे कि इक्विटी और डेट. इस कॉम्बिनेशन से आपको बेहतर डाइवर्सिफिकेशन का फायदा मिलता है और इससे एक सिक्योरिटी में निवेश से जुड़ा जोखिम भी कम हो जाता है. 

हाइब्रिड फंड्स के प्रकार

अगर आप अपने पोर्टफोलियो में हाइब्रिड फंड को शामिल करना चाहते हैं तो आइए सेबी के अनुसार जानते हैं कि आपके पास कौन-कौन से विकल्प मौजूद हैं:

  1. कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड : 

    ये फंड्स अपने एसेट्स का 75% से 90% तक डेट इंस्ट्रुमेंट्स में निवेश करते हैं. शेष एसेट्स का निवेश इक्विटी और इक्विटी से संबंधित सिक्योरिटीज में किया जाता है.
  2. बैलेंस्ड हाइब्रिड फंड:

    जैसा कि नाम से ही संकेत मिल जाते हैं कि बैलेंस हाइब्रिड फंड्स संतुलित तरीके से डेट और इक्विटी दोनों में निवेश करते हैं. इक्विटी या डेट में  न्यूनतम और अधिकतम निवेश का अनुपात क्रमशः 40% और 60% होता है. बाजार की परिस्थितियों के अनुसार इनमें से किसी एक में 40% और दूसरे में 60% निवेश होता है. 
  3. एग्रेसिव हाइब्रिड फंड:

    एग्रेसिव हाइब्रिड फंड्स 65% से 80% तक इक्विटी और इक्विटी से संबंधित सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं और बाकी 20% से 35% रकम को डेट सिक्योरिटीज में लगाते हैं. 
  4. डायनेमिक एसेट अलोकेशन या बैलेंस्ड एडवांटेज फंड:

    इस तरह के हाइब्रिड फंड्स के पास बाजार की परिस्थितियों के हिसाब से इक्विटी या डेट इंस्ट्रुमेंट्स में 0 से 100% तक के निवेश की स्वतंत्रता होती है.
  5. मल्टी एसेट एलोकेशन फंड:

    इस तरह के फंड्स इक्विटी, डेट और सोना जैसे तीन अलग-अलग एसेट क्लास में कम-से-कम 10% रकम इंवेस्ट करते हैं. 
  6. आर्बिट्राज फंड:

    इस तरह के फंड्स लाभ कमाने के लिए स्टॉक को कम दाम पर खरीदकर अन्य मार्केट में ऊंचे दाम पर बेच देते हैं. ये इक्विटी और इक्विटी से जुड़े इंस्ट्रुमेंट्स में कम-से-कम 65% निवेश करते हैं. 
  7. इक्विटी सेविंग्स फंड्स:

    इस तरह के फंड्स इक्विटी, आर्बिट्राज और डेट में निवेश के जरिए जोखिम को संतुलित करते हैं. इक्विटी और डेट में न्यूनतम निवेश का अनुपात क्रमशः 65% और 10% होता है.

हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स कैसे काम करते हैं?

हाइब्रिड फंड्स म्यूचुअल फंड में निवेश के एक अनूठे तरीके का इस्तेमाल करते हैं. इनेक फंड मैनेजर्स फंड के लक्ष्य के साथ-साथ बाजार की परिस्थितियों के हिसाब से इक्विटी में अलग-अलग अनुपात में निवेश करते हैं. इस तरह के फंड्स का मुख्य लक्ष्य पूंजी में वृद्धि के साथ-साथ पूंजी को बचाना भी होता है. ऐसे में आप थोड़े-बहुत जोखिम की उम्मीद कर सकते हैं.

हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स के फायदे

  1. डाइवर्सिफिकेशन:

    आप एक ही फंड के तहत विभिन्न एसेट क्लास निवेश कर सकते हैं. इन सबसे बढ़कर आप एक ही एसेट क्लास में डाइवर्सिफिकेशन का लाभ भी उठा सकते हैं. 
  2. शुरुआत करने वालों के लिए उपयुक्त:

    अगर आप शुरुआत करने जा रहे हैं और बहुत जोखिम लिए बगैर इक्विटी में मौजूद संभावनाओं का लाभ उठाना चाहते हैं तो आप हाइब्रिड फंड्स के साथ इसे संतुलित कर सकते हैं. 
  3. अलग-अलग रिस्क प्रोफाइल के लिए उपयुक्त:

    विभिन्न हाइब्रिड फंड्स का इक्विटी, डेट या अन्य एसेट्स में अलग-अलग अलोकेशन होता है. ऐसे में आप जोखिम लेने की अपनी क्षमता के अनुसार फंड का चुनाव कर सकते हैं.
  4. स्वतः रिबैलेंसिंग:

    हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स को पेशेवर फंड मैनेजर्स मैनेज करते हैं जो बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव को देखते हुए एसेट्स को इक्विटी से डेट या फिर डेट से इक्विटी में शिफ्ट करते हैं. एक निवेशक के तौर पर आपको मार्केट को टाइम करने की जरूरत हीं होती है और आप एक तरफ बैठकर आराम फरमा सकते हैं.

हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स पर टैक्स

हाइब्रिड फंड्स पर कितना टैक्स लगेगा, यह उनके प्रकार पर निर्भर करता है. इक्विटी-ओरिएंटेड हाइब्रिड फंड्स पर इक्विटी म्यूचुअल फंड्स की तरह टैक्स लगता है. दूसरी ओर, डेट-ओरिएंटेड हाइब्रिड फंड्स पर डेट म्यूचुअल फंड्स की तरह टैक्स लगता है.

अगर कोई हाइब्रिड फंड अपने एसेट्स का कम-से-कम 65% इक्विटी और इक्विटी से संबंधित सिक्योरिटीज में इंवेस्ट करता है तो उसे इक्विटी-ओरिएंटेड हाइब्रिड फंड कहा जाता है. अगर कम-से-कम 60% एसेट्स का निवेश डेट सिक्योरिटीज में किया जाता है तो इसे डेट-ओरिएंटेड हाइब्रिड फंड कहा जाता है.

क्या आपको हाइब्रिड फंड्स में करना चाहिए निवेश?

इक्विटी बनाम डेट फंड्स से जुड़ी चर्चा के बीच हाइब्रिड म्यूचुअल फंड एक बीच का रास्ता हो सकता है. अगर आप निवेश के जोखिम और रिटर्न के बीच संतुलन कायम करना चाहते हैं एवं अपेक्षाकृत कम जोखिम वाले फंड्स से लेकर विशुद्घ रूप से इक्विटी तक के विकल्पों को चुनना चाहते हैं तो हाइब्रिड फंड्स में निवेश कर सकते हैं. इसके साथ-ही-साथ इस तरह के फंड्स मध्यम अवधि के लक्ष्यों के लिहाज से उपयुक्त होते हैं.   

निष्कर्ष

हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स कई तरह के सिक्योरिटीज में निवेश की सुविधा देता है जिससे डाइवर्सिफिकेशन के साथ-साथ जोखिम कम करने में मदद मिलती है. अगर आप अपने पोर्टफोलियो में डेट और इक्विटी के मिश्रण को देखना चाहते हैं तो ये आपके लिए आदर्श साबित हो सकते हैं. हालांकि, विभिन्न हाइब्रिड फंड्स विभिन्न स्तर के जोखिम का सामना करते हैं. ऐसे में आपको सावधानीपूर्वक मूल्यांकन के बाद उपयुक्त फंड चुनना चाहिए.  



निवेशकों को जागरूक करने की एडलवाइज म्यूचुअल फंड की पहल.

सभी म्यूचुअल फंड निवेशकों को एक बार केवाईसी प्रोसेस को पूरा करना होता है. निवेशकों को केवल रजिस्टर्ड म्यूचुअल फंड (आरएमएफ) के साथ डील करनी चाहिए. केवाईसी, आरएमएफ से जुड़ी अधिक जानकारी और किसी भी तरह की शिकायत दर्ज कराने का प्रोसेस जानने के लिए विजिट करेंः 

https://www.edelweissmf.com/kyc-norms 

म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. कृपया निवेश करने से पहले सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें.

Signup for our Newsletter

MUTUAL FUND INVESTMENTS ARE SUBJECT TO MARKET RISKS, READ ALL SCHEME RELATED DOCUMENTS CAREFULLY.